AI अब Predict करेगा Corona के नए Variants! Future में कैसे बदलेगा Virus?
COVID-19 महामारी को पांच साल हो चुके हैं, लेकिन वायरस का विकास (evolution) अभी भी जारी है। नए वेरिएंट्स के उभरने का खतरा बना हुआ है, जो अधिक संक्रामक (transmissible), लंबे समय तक संक्रमण फैलाने वाले, या वैक्सीन से बचने की क्षमता (immune evasion) रख सकते हैं। ऐसे में, वैज्ञानिकों के लिए यह जानना जरूरी…
COVID-19 महामारी को पांच साल हो चुके हैं, लेकिन वायरस का विकास (evolution) अभी भी जारी है। नए वेरिएंट्स के उभरने का खतरा बना हुआ है, जो अधिक संक्रामक (transmissible), लंबे समय तक संक्रमण फैलाने वाले, या वैक्सीन से बचने की क्षमता (immune evasion) रख सकते हैं। ऐसे में, वैज्ञानिकों के लिए यह जानना जरूरी है कि SARS-CoV-2 वायरस आगे कैसे बदलेगा?
पारंपरिक तरीके vs AI: क्यों बेहतर है DNMS मॉडल?
पहले, वैज्ञानिक लेबोरेटरी एक्सपेरिमेंट्स (wet-lab tests) के जरिए वायरस के म्यूटेशन्स का अध्ययन करते थे, लेकिन यह प्रक्रिया महंगी और समय लेने वाली है। अब, फ्लोरिडा अटलांटिक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल “Deep Novel Mutation Search (DNMS)” विकसित किया है, जो डीप न्यूरल नेटवर्क्स का उपयोग करके वायरस के भविष्य के म्यूटेशन्स की भविष्यवाणी करता है।
कैसे काम करता है DNMS? स्पाइक प्रोटीन पर फोकस
इस शोध में, वैज्ञानिकों ने SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन (वह हिस्सा जो वायरस को मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है) पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने ProtBERT नामक एक प्रोटीन लैंग्वेज मॉडल का उपयोग किया, जिसे विशेष रूप से स्पाइक प्रोटीन की “भाषा” समझने के लिए ट्रेन किया गया था।
- ग्रामर के आधार पर म्यूटेशन्स की भविष्यवाणी (Grammaticality)
- प्रोटीन की मूल संरचना से तुलना (Semantic Change)
- ध्यान (Attention) का उपयोग करके म्यूटेशन का विश्लेषण
शोध के नतीजे: क्या सच में काम करता है DNMS?
शोधकर्ताओं ने पाया कि DNMS मॉडल न सिर्फ म्यूटेशन्स को उनकी समानता के आधार पर वर्गीकृत कर सकता है, बल्कि यह उन म्यूटेशन्स की पहचान कर सकता है जो वायरस के लिए फायदेमंद (high fitness) होंगे।
- छोटे बदलाव वाले म्यूटेशन्स (Low Semantic Change) ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।
- वायरस अपने “जैविक नियमों” (Biological Rules) के अनुसार ही बदलता है।
भविष्य में क्या होगा? कैसे मदद करेगा AI?
इस तकनीक की मदद से:
- पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स नए वेरिएंट्स पर पहले से नजर रख सकेंगे।
- वैक्सीन और दवाओं को अपडेट करने में मदद मिलेगी।
- भविष्य की महामारियों को रोकने में AI का उपयोग बढ़ेगा।
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DNMS मॉडल क्या है?
यह एक AI-आधारित तकनीक है जो SARS-CoV-2 वायरस के नए म्यूटेशन्स की भविष्यवाणी करती है।
ProtBERT मॉडल कैसे काम करता है?
यह प्रोटीन की “भाषा” को समझकर म्यूटेशन्स की संभावना तय करता है।