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Deepmind: गूगल ने वैज्ञानिकों की मदद के लिए बनाया AI को-साइंटिस्ट, जानें कैसे करेगा काम!

AI Co-Scientist Google Deepmind: गूगल ने वैज्ञानिकों के लिए एक AI को-साइंटिस्ट विकसित किया है, जो रिसर्च पेपर्स को समझने और नए हाइपोथिसिस बनाने में मदद करेगा। जानें कैसे यह टूल बायोमेडिकल रिसर्च को बदल देगा। गूगल ने हाल ही में एक नया AI टूल विकसित किया है, जो बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स के लिए वर्चुअल कोलैबोरेटर…

AI Co-Scientist Google Deepmind: गूगल ने वैज्ञानिकों के लिए एक AI को-साइंटिस्ट विकसित किया है, जो रिसर्च पेपर्स को समझने और नए हाइपोथिसिस बनाने में मदद करेगा। जानें कैसे यह टूल बायोमेडिकल रिसर्च को बदल देगा।

गूगल ने हाल ही में एक नया AI टूल विकसित किया है, जो बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स के लिए वर्चुअल कोलैबोरेटर (सहयोगी) की तरह काम करेगा। इस टूल को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने टेस्ट किया है। यह AI टूल एडवांस्ड रीजनिंग का इस्तेमाल करके वैज्ञानिकों को बड़ी मात्रा में रिसर्च पेपर्स को समझने और नए हाइपोथिसिस (परिकल्पनाएं) बनाने में मदद करेगा।

AI का बढ़ता दायरा:


पिछले साल ChatGPT और इसी तरह के AI मॉडल्स की सफलता के बाद, AI का इस्तेमाल अब कार्यस्थलों में तेजी से बढ़ रहा है। डीपमाइंड (Deepmind) टूल न केवल कॉल्स का जवाब देने या लीगल रिसर्च करने में मदद करता है, बल्कि अब यह वैज्ञानिक शोध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

गूगल का AI यूनिट – डीपमाइंड:


गूगल का AI यूनिट, डीपमाइंड (Deepmind), विज्ञान को प्राथमिकता देता है। डीपमाइंड के बॉस डेमिस हसाबिस को पिछले साल केमिस्ट्री में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। यह AI टूल लिवर फाइब्रोसिस (यकृत रोग) पर किए गए एक प्रयोग में सफल रहा, जहां इसने बीमारी के कारणों को रोकने के लिए उत्साहजनक परिणाम दिखाए।

वैज्ञानिकों का कहना:


गूगल के मुताबिक, डीपमाइंड (Deepmind) AI टूल समय के साथ विशेषज्ञों द्वारा बनाए गए समाधानों को और बेहतर बना सकता है। हालांकि, यह अभी प्रारंभिक नतीजे हैं और इन्हें और वैलिडेशन की जरूरत है। गूगल के वैज्ञानिक विवेक नटराजन का कहना है कि डीपमाइंड (Deepmind) टूल शोधकर्ताओं की जगह नहीं लेगा, बल्कि उनके काम को और आसान और तेज बनाएगा।

गूगल का AI को-साइंटिस्ट डीपमाइंड क्या है?

AI को-साइंटिस्ट डीपमाइंड एक AI टूल है जो बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स को रिसर्च पेपर्स को समझने और नए हाइपोथिसिस बनाने में मदद करता है।

AI को-साइंटिस्ट डीपमाइंड टूल को किसने टेस्ट किया?

AI को-साइंटिस्ट डीपमाइंड स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने टेस्ट किया।

AI को-साइंटिस्ट डीपमाइंड टूल कैसे काम करता है?

यह एडवांस्ड रीजनिंग का इस्तेमाल करके बड़ी मात्रा में डेटा को सिंथेसाइज करता है और नए आइडियाज जनरेट करता है।

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