Meta के AI चश्मे जो बन जाएंगे आपका तीसरा स्मार्ट डिवाइस! बन जाएंगे आपका पर्सनल असिस्टेंट! जेब में हाथ डालकर टाइप करने की तकनीक
Meta AI Powered Glasses: मेटा के AI चश्मे जो जेब में हाथ डालकर टाइप करने की सुविधा देंगे, अगले साल तक बाजार में होंगे। जानिए कैसे यह टेक्नोलॉजी कंप्यूटिंग की दुनिया को बदल देगी। मेटा के चीफ AI साइंटिस्ट यान लेकुन ने कहा है कि AI पावर्ड चश्मे जो आपको जेब में हाथ डालकर टाइप…
Meta AI Powered Glasses: मेटा के AI चश्मे जो जेब में हाथ डालकर टाइप करने की सुविधा देंगे, अगले साल तक बाजार में होंगे। जानिए कैसे यह टेक्नोलॉजी कंप्यूटिंग की दुनिया को बदल देगी।
मेटा के चीफ AI साइंटिस्ट यान लेकुन ने कहा है कि AI पावर्ड चश्मे जो आपको जेब में हाथ डालकर टाइप करने की सुविधा देंगे, अगले साल तक बाजार में होंगे। यह नई टेक्नोलॉजी कंप्यूटर और स्मार्टफोन के बाद तीसरा कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म बन सकती है।
अब तक AI की क्रांति कंप्यूटर और स्मार्टफोन तक ही सीमित थी, लेकिन अब यह टेक्नोलॉजी हमारे चश्मों तक पहुंचने वाली है। मेटा के चीफ AI साइंटिस्ट यान लेकुन ने हाल ही में एक इवेंट में बताया कि अगले साल तक AI पावर्ड चश्मे बाजार में आ जाएंगे। इन चश्मों में इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) इंटरफेस होगा, जो यूजर्स को बिना हाथ निकाले ही टाइप करने, पॉइंट करने और क्लिक करने की सुविधा देगा।
लेकुन के मुताबिक, “यह नया कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म AI की मदद से संभव होगा। आने वाले समय में हम सभी ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) चश्मे पहनेंगे, जो हमारे रोजमर्रा के कामों में हमारी मदद करेंगे। यह ऐसा होगा जैसे हर व्यक्ति के पास एक वर्चुअल स्टाफ होगा, जो उसे हर काम में सहायता करेगा।”
EMG टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है?
EMG (इलेक्ट्रोमायोग्राफी) एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो मांसपेशियों की गतिविधियों को पकड़ती है। यह टेक्नोलॉजी यूजर्स को बिना हाथ हिलाए ही टाइप करने और कमांड देने की सुविधा देगी। उदाहरण के लिए, अगर आपकी जेब में हाथ है, तो भी आप अपनी उंगलियों की मूवमेंट से टाइप कर सकेंगे।
मेटा और रे-बैन का सहयोग
मेटा ने इस प्रोजेक्ट को रे-बैन के निर्माता कंपनी एसिलोरलक्सोटिका के साथ मिलकर विकसित किया है। मेटा के स्मार्टग्लासेस में पहले से ही लाइव स्ट्रीमिंग, AI इंटीग्रेशन, और बेहतर कैमरा और ऑडियो क्षमताएं हैं। अमेरिका और कनाडा में, मेटा AI यूजर्स को काम करने, क्रिएट करने और कनेक्ट करने में मदद करता है। इसके अलावा, मल्टीमॉडल AI की मदद से यह चश्मा यूजर के देखने वाले दृश्य को समझ सकता है।
2030 तक चश्मे बनेंगे मुख्य कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म
मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि 2030 तक चश्मे मुख्य कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म बन जाएंगे। यह टेक्नोलॉजी मोबाइल की तरह ही कंप्यूटिंग की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकती है। अगर यह चश्मा अगले साल तक बाजार में आ जाता है, तो यह टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करेगा।

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मेटा के AI चश्मे क्या हैं?
मेटा के AI चश्मे एक नई तकनीक वाले स्मार्टग्लासेस हैं, जो AI और इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं। यह यूजर्स को बिना हाथ निकाले ही टाइप करने, पॉइंट करने और क्लिक करने की सुविधा देते हैं।
मेटा के AI चश्मे कब तक बाजार में आएंगे?
मेटा के चीफ AI साइंटिस्ट यान लेकुन के अनुसार, यह चश्मे अगले साल (2024) तक बाजार में उपलब्ध हो सकते हैं।
EMG टेक्नोलॉजी क्या है?
EMG (इलेक्ट्रोमायोग्राफी) एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो मांसपेशियों की गतिविधियों को पकड़ती है। इसकी मदद से यूजर्स बिना हाथ हिलाए ही टाइप कर सकते हैं।
मेटा के AI चश्मे में क्या खास फीचर्स होंगे?
इन चश्मों में EMG इंटरफेस, डिस्प्ले, लाइव स्ट्रीमिंग, मेटा AI इंटीग्रेशन, और बेहतर कैमरा व ऑडियो क्षमताएं होंगी।